केरल मे निपाह (nipah virus) वायरस से दो मौतों की पुष्टि हुवा है। यह वायरस एक दुर्लभ, लेकिन घातक वायरस है जो जानवरों से मनुष्यों में फैल सकता है। ये मौतें केरल राज्य के कोझिकोड जिले में हुईं और दो अन्य लोगों का इस वायरस से इलाज किया जा रहा है।
निपाह वायरस (nipah virus) एक ज़ूनोटिक (zoonotic) वायरस है, जिसका अर्थ है कि यह जानवरों से मनुष्यों में फैल सकता है। ऐसा माना जाता है कि यह वायरस संक्रमित चमगादड़ों द्वारा छोड़ी गई लार या वायुजनित बूंदों के माध्यम से फैलता है। यह दूषित भोजन या वस्तुओं के संपर्क से भी फैल सकता है।
What is the symptoms of Nipah virus in hindi?: निपाह वायरस संक्रमण के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, उल्टी, सांस संबंधी समस्याएं, मांसपेशियों में दर्द और एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) शामिल हो सकते हैं। 70% मामलों में यह वायरस घातक हो सकता है।
निपाह वायरस के लक्षण (Nipah Virus Symptoms)
- Fever (बुखार)
- Headache (सिरदर्द)
- Muscle pain (मांसपेशियों में दर्द)
- Vomiting (उल्टी करना)
- Sore throat (गला खराब होना)
- Cough (खाँसी)
- Difficulty breathing (सांस लेने में दिक्क्त)
- Drowsiness (तंद्रा)
- Disorientation (भटकाव0
- Seizures (बरामदगी)
- Coma (प्रगाढ़ बेहोशी)
निपाह वायरस संक्रमण का कोई विशिष्ट उपचार नहीं है। उपचार सहायक है और इसमें बुखार और दौरे को नियंत्रित करने के लिए अस्पताल में भर्ती होना, तरल पदार्थ और दवाएं शामिल हो सकती हैं।
केरल सरकार ने कोझिकोड जिले में स्वास्थ्य अलर्ट लागू कर दिया है और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कदम उठा रही है। इन उपायों में फल चमगादड़ों को मारना, संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों की निगरानी करना और जनता को वायरस के बारे में शिक्षित करना शामिल है।
निपाह वायरस सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा है, लेकिन यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि संक्रमण का खतरा कम है। निपाह वायरस से खुद को बचाने का सबसे अच्छा तरीका चमगादड़ और उनके स्राव के संपर्क से बचना है। आपको बार-बार अपने हाथ धोने चाहिए और कच्चे फल और सब्जियां खाने से बचना चाहिए।
यदि आपको लगता है कि आप निपाह वायरस के संपर्क में आ गए हैं, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लेना महत्वपूर्ण है। शीघ्र निदान और उपचार से आपके जीवित रहने की संभावना में सुधार हो सकता है।
निपाह वायरस के बारे में जानने के लिए यहां कुछ अतिरिक्त बातें दी गई हैं:
- निपाह वायरस की पहचान सबसे पहले 1999 में मलेशिया में हुई थी।
- भारत में निपाह वायरस के कई प्रकोप हुए हैं, सबसे हाल ही में 2018 में।
- निपाह वायरस का हेंड्रा वायरस से गहरा संबंध है, जो ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है।
- निपाह वायरस का कोई टीका नहीं है।
- निपाह वायरस के संक्रमण को रोकने का सबसे अच्छा तरीका चमगादड़ों और उनके स्रावों के संपर्क से बचना है।
यहां कुछ अन्य चीजें हैं जो आप निपाह वायरस से खुद को बचाने के लिए कर सकते हैं:
- कच्चे फल या सब्जियाँ न खाएँ जो चमगादड़ के गोबर से दूषित हो सकते हैं।
- सूअरों सहित बीमार जानवरों के संपर्क से बचें।
- जानवरों या उनके स्रावों के संपर्क में आने के बाद अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं।
- जानवरों के स्राव से दूषित किसी भी सतह को साफ और कीटाणुरहित करें।
- यदि आप बुखार, सिरदर्द, उल्टी या सांस संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
केरल सरकार निपाह वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। हालाँकि, हर किसी के लिए खुद को वायरस से बचाने के लिए कदम उठाना ज़रूरी है। इन सरल सावधानियों का पालन करके आप खुद को और अपने प्रियजनों को सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं।
केरल सरकार द्वारा उठाए गए उपायों के अलावा, निपाह वायरस का टीका और उपचार विकसित करने के लिए कई शोध पहल चल रही हैं। ये प्रयास महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये भविष्य में इस घातक वायरस के प्रकोप को रोकने में मदद कर सकते हैं।
निपाह वायरस एक गंभीर खतरा है, लेकिन हम इस पर काबू पा सकते हैं। साथ मिलकर काम करके हम खुद को इस वायरस से बचा सकते हैं और अपने समुदायों को सुरक्षित रख सकते हैं।
FAQ
Q. निपाह वायरस के लक्षण क्या हैं?
Ans: निपाह वायरस से जुड़े विशिष्ट लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, तीव्र श्वसन संक्रमण, मांसपेशियों में दर्द और उल्टी शामिल हैं।
Q. निपाह का ख़तरा किसे है?
Ans: मनुष्यों में निपाह वायरस का संचरण संक्रमित चमगादड़ों, संक्रमित सूअरों या अन्य NiV संक्रमित लोगों के सीधे संपर्क के बाद हो सकता है।