शरद पूर्णिमा खीर: Sharad Purnima Kheer asthma treatment in Hindi Ayurveda

शरद पूर्णिमा खीर: एक पारंपरिक आनंद और अस्थमा प्रबंधन में इसकी क्षमता “Sharad Purnima Kheer: A Traditional Delight and its Potential in Asthma Management”

Sharad Purnima Kheer asthma treatment in Hindi Ayurveda
Sharad Purnima Kheer asthma treatment in Hindi Ayurveda

खीर और अस्थमा: शरद पूर्णिमा हिंदू कैलेंडर के अनुसार आश्विन महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है और पृथ्वी पर अमृत की वर्षा होती है। शरद पूर्णिमा की रात को चांदनी में खीर रखने की परंपरा है। इस खीर को औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है और यह अस्थमा के रोगियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होती है।

अस्थमा एक ऐसी श्वास संबंधी बीमारी है जिसमें वायुमार्ग संकीर्ण हो जाते हैं और सूजन हो जाती है। इससे सांस लेने में तकलीफ, खांसी और सीने में जकड़न जैसी समस्याएं हो सकती हैं। शरद पूर्णिमा की रात को चांदनी में रखी खीर में औषधीय गुण होते हैं जो अस्थमा के लक्षणों को कम करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं।

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शरद पूर्णिमा की खीर अस्थमा के लिए क्यों लाभकारी है? (Why Sharad Purnima Kheer is Beneficial for Asthma?)

आयुर्वेद में शरद पूर्णिमा की खीर को अस्थमा के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है। दूध में मौजूद लैक्टिक एसिड और चावल का स्टार्च चांदनी के रिएक्शन से औषधीय गुणों से भरपूर हो जाता है। माना जाता है कि इस खीर के नियमित सेवन से अस्थमा के लक्षणों में काफी राहत मिलती है।

शरद पूर्णिमा की खीर कैसे बनाएं? (How to make Sharad Purnima Kheer?)

शरद पूर्णिमा की खीर बनाने के लिए आपको निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होगी:

  • 1 लीटर दूध
  • 1/2 कप चावल (चमेली चावल सबसे अच्छे होते हैं)
  • 1/2 कप चीनी
  • 1/4 कप कटे हुए बादाम और पिस्ता
  • 1/4 कप बादाम
  • 1/4 कप काजू
  • 1/4 कप किशमिश
  • 1 चम्मच इलायची पाउडर
  • 1 चम्मच घी

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विधि: सामग्री को तैयार करने के बाद निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  1. सबसे पहले चावल को धोकर 1-2 घंटे के लिए भिगो दें।
  2. बादाम और काजू को भी अलग-अलग भिगो दें।
  3. दूध को एक भारी तले की कढ़ाई में डालकर उबाल आने दें।
  4. फिर इसमें भीगे हुए चावल, चीनी और इलायची पाउडर डालकर अच्छी तरह मिलाएं।
  5. आंच को धीमा कर दें और खीर को 30-40 मिनट तक या जब तक चावल पूरी तरह से न पक जाएं तब तक पकाएं।
  6. खीर पक जाने के बाद इसमें कटे हुए बादाम और पिस्ता डालकर मिलाएं और एक प्लेट में निकाल लें।
  7. एक मोटे तले के बर्तन में घी गरम करें।
  8. बादाम और काजू को निकालकर हल्का सा भून लें।
  9. भूने हुए बादाम और काजू को किशमिश के साथ एक तरफ रख दें।
  10. खीर को धीमी आंच पर पकने दें, बीच-बीच में चलाते रहें।
  11. जब खीर गाढ़ी हो जाए और चावल अच्छी तरह पक जाएं, तो गैस बंद कर दें।
  12. भूने हुए बादाम, काजू और किशमिश को खीर में डालकर मिलाएं।
  13. शरद पूर्णिमा की रात को खीर को खुले आसमान के नीचे या चांदनी में रख दें।
  14. सुबह खीर को खाएं।

शरद पूर्णिमा की खीर के लाभ

शरद पूर्णिमा की खीर में निम्नलिखित लाभ होते हैं:

  • यह अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद करती है।
  • यह श्वसन प्रणाली को स्वस्थ रखने में मदद करती है।
  • यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करती है।
  • यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करती है।
  • यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है।
  • यह मन को शांत और तनावमुक्त रखने में मदद करती है।

शरद पूर्णिमा की खीर को अस्थमा के लिए कैसे इस्तेमाल करें

अस्थमा के रोगी शरद पूर्णिमा की खीर को नियमित रूप से खाने से लाभ प्राप्त कर सकते हैं। खीर खाने के लिए सबसे अच्छा समय सुबह का नाश्ता है। आप खीर को दोपहर के भोजन या रात के खाने के बाद भी खा सकते हैं।

शरद पूर्णिमा के दिन खीर खाने से क्या होता है? or खीर खाने से क्या लाभ होता है?

यदि आपको अस्थमा है, तो आपको खीर में कुछ और औषधीय सामग्री मिलाकर भी खा सकते हैं। उदाहरण के लिए, आप खीर में तुलसी के पत्ते, अदरक का रस, हल्दी पाउडर या काली मिर्च पाउडर मिलाकर खा सकते हैं। ये सामग्री अस्थमा के लक्षणों को कम करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करती हैं।

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