RBI बुलेटिन: भारत की आर्थिक वृद्धि आने वाले महीनों में गति प्राप्त करेगी (RBI Bulletin: India’s economic growth to gain momentum in coming months)
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के बुलेटिन में कहा गया है कि भारत की आर्थिक वृद्धि आने वाले महीनों में गति प्राप्त करेगी। बुलेटिन में कहा गया है कि कृषि और गैर-कृषि क्षेत्रों में मजबूत प्रदर्शन, निर्यात में वृद्धि और निजी निवेश में सुधार से आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
बुलेटिन में कहा गया है कि 2023-24 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.2% रहने का अनुमान है, जो 2022-23 में 7.0% थी। बुलेटिन में कहा गया है कि मुद्रास्फीति के दबाव में कमी और वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार से आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलेगा।
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आर्थिक वृद्धि के लिए संभावनाएं
- कृषि क्षेत्र: भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का महत्वपूर्ण स्थान है। कृषि क्षेत्र की वृद्धि जीडीपी वृद्धि में लगभग 18% का योगदान देती है। बुलेटिन में कहा गया है कि 2023-24 में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 3.5% रहने का अनुमान है, जो 2022-23 में 3.0% थी।
- गैर-कृषि क्षेत्र: भारतीय अर्थव्यवस्था में गैर-कृषि क्षेत्र का भी महत्वपूर्ण स्थान है। गैर-कृषि क्षेत्र की वृद्धि जीडीपी वृद्धि में लगभग 82% का योगदान देती है। बुलेटिन में कहा गया है कि 2023-24 में गैर-कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 7.7% रहने का अनुमान है, जो 2022-23 में 7.4% थी।
- निर्यात: भारतीय अर्थव्यवस्था में निर्यात का भी महत्वपूर्ण स्थान है। निर्यात में वृद्धि से आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलता है। बुलेटिन में कहा गया है कि 2023-24 में निर्यात में 10.0% की वृद्धि होने का अनुमान है, जो 2022-23 में 9.0% थी।
- निजी निवेश: निजी निवेश आर्थिक वृद्धि का एक प्रमुख इंजन है। बुलेटिन में कहा गया है कि 2023-24 में निजी निवेश में 9.0% की वृद्धि होने का अनुमान है, जो 2022-23 में 8.5% थी।
आर्थिक वृद्धि के लिए चुनौतियां
बुलेटिन में कहा गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था के सामने भी कुछ चुनौतियां हैं, जिनमें शामिल हैं:
- मुद्रास्फीति: मुद्रास्फीति भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक प्रमुख चुनौती है। उच्च मुद्रास्फीति से लोगों की क्रय शक्ति कम होती है और आर्थिक वृद्धि प्रभावित होती है। बुलेटिन में कहा गया है कि 2023-24 में मुद्रास्फीति दर 5.7% रहने का अनुमान है, जो 2022-23 में 7.0% थी।
- वैश्विक अर्थव्यवस्था: वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी भी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक चुनौती है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी से भारत के निर्यात प्रभावित होंगे और आर्थिक वृद्धि प्रभावित होगी।
- महंगाई: भारत में महंगाई बढ़ रही है, जिससे लोगों की क्रय शक्ति कमजोर हो रही है।
- बेरोजगारी: भारत में बेरोजगारी की दर अभी भी अधिक है, जिससे युवाओं में असंतोष बढ़ रहा है।
सरकार के कदम
सरकार आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है। सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार कर रही है, गैर-कृषि क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा दे रही है और निर्यात को बढ़ावा दे रही है। सरकार मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए भी कदम उठा रही है।
भारतीय अर्थव्यवस्था आने वाले महीनों में गति प्राप्त करेगी। हालांकि, मुद्रास्फीति और वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी जैसी चुनौतियां भी हैं। सरकार आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने और चुनौतियों से निपटने के लिए कई कदम उठा रही है।