2023 नवरात्रि 7वाँ दिन: करें कालरात्रि की पूजा, जानिए कथा और महत्व

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नवरात्रि का सातवां दिन: कालरात्रि पूजा

नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। मां कालरात्रि को दुर्गा का सबसे भयंकर रूप माना जाता है। उनका स्वरूप भयानक है, लेकिन उनका मन शुद्ध है। वह अपने भक्तों की रक्षा करती हैं और बुरी शक्तियों का नाश करती हैं।

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मां कालरात्रि की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार देवी दुर्गा ने राक्षस रक्तबीज का वध करने के लिए मां कालरात्रि का रूप धारण किया था। रक्तबीज एक राक्षस था जिसकी हर बूंद रक्त से एक नया राक्षस पैदा हो जाता था। मां कालरात्रि ने रक्तबीज का वध करने के लिए अपने मुंह से उसके रक्त को पी लिया। जिससे रक्तबीज का नाश हो गया।

मां कालरात्रि का महत्व

मां कालरात्रि को शक्ति, साहस और विजय की देवी माना जाता है। वह अपने भक्तों को भय से मुक्ति दिलाती हैं और उन्हें शक्ति प्रदान करती हैं। मां कालरात्रि की पूजा करने से भक्तों को बुरी शक्तियों से रक्षा होती है और उन्हें जीवन में सफलता प्राप्त होती है।

कालरात्रि पूजा का महत्व:

  • माँ कालरात्रि की पूजा करने से भक्तों को सभी प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है।
  • माँ कालरात्रि बुरी शक्तियों और नकारात्मकता को नष्ट करती हैं।
  • माँ कालरात्रि भक्तों को शक्ति और साहस प्रदान करती हैं।
  • माँ कालरात्रि की पूजा करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

मां कालरात्रि की पूजा विधि

मां कालरात्रि की पूजा के लिए सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें। फिर मां कालरात्रि की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। मां कालरात्रि को लाल फूल, अक्षत, कुमकुम, धूप और दीप अर्पित करें। मां कालरात्रि के मंत्रों का जाप करें।

कालरात्रि पूजा विधि:

  • माँ कालरात्रि की पूजा करने के लिए सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर माँ कालरात्रि की प्रतिमा स्थापित करें।
  • माँ कालरात्रि को लाल फूल, अक्षत, कुमकुम, चंदन और धूप अर्पित करें।
  • माँ कालरात्रि के मंत्र का जप करें।
  • माँ कालरात्रि की आरती करें।

तिथि और दिन का रंग

नवरात्रि के सातवें दिन की तिथि आश्विन शुक्ल सप्तमी है। इस दिन का रंग गहरा नीला या बैंगनी है।

शुभ मुहूर्त

  • सप्तमी तिथि प्रारंभ – 20 अक्टूबर 2023, रात 11:24 बजे
  • सप्तमी तिथि समाप्त – 21 अक्टूबर 2023, रात 09:53 बजे
  • अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:02 बजे से 12:50 बजे तक
  • विजय मुहूर्त – सुबह 11:11 बजे से 11:59 बजे तक

नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा विधि-विधान से करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।

भोग

माँ कालरात्रि को नारियल, गुड़, खीर, मिठाई और इमली का भोग लगाया जाता है।

मां कालरात्रि के मंत्र

  • ॐ कालरात्र्यै नमः
  • ॐ सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोऽस्तु ते।।

मां कालरात्रि की पूजा करने से भक्तों को मनोवांछित फल प्राप्त होता है।

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