KOLKATA दुर्गा पूजा 2023: तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा का समय, विधि, अनुष्ठान, महत्व, इतिहास (KOLKATA Durga Puja 2023: When is Durga Puja? Know Start dates, Shubh Muhurat, Puja timings, Rituals, Significance, complete 5 day calendar, History, all you need to know)
दुर्गा पूजा उत्सव 2023 | Durga Puja 2023 West Bengal start date
दुर्गा पूजा हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो भारत में बहुत महत्व रखती है क्योंकि यह देवी दुर्गा को समर्पित है। इस साल 2023 में दुर्गा पूजा नवरात्रि 15 अक्टूबर को शुरू होगी और महानवमी 23 अक्टूबर पर समाप्त होगी। दुर्गा पूजा 2023 14 अक्टूबर को महालया की शुरुआत होगी और 24 अक्टूबर को दुर्गा विजयादशमी/दशहरा मनाया जाएगा।
दुर्गा पूजा उत्सव शरद नवरात्रि के छठे दिन शुक्रवार, 20 अक्टूबर, 2023 से मंगलवार, 24 अक्टूबर, 2023 तक मनाया जाएगा। मां दुर्गा के साथ पूजनीय लक्ष्मी, सरस्वती, गणेश, और कार्तिकेय को देखा जा सकता है।
दुर्गा पूजा 2023: तिथि, समय, शुभ मुहूर्त | KOLKATA Durga Puja 2023: Date, Timings, Shubh Muhurat
दुर्गा पूजा 2023: तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा का समय, विधि (Durga Puja 2023 West Bengal start Date, Shubh Muhurat, Puja Timings)
Durga Puja Day | Tithi Starts Time | Tithi Ends Time |
Maha Panchami (Preparation Day) | Panchami Tithi Starts – Thursday, October 19, 2023 – 01:12 AM | Panchami Tithi Ends – Friday, October 20, 2023 – 12:31 AM |
SHASHTHI “Kalparambho” Shasthi Puja | Shashti Tithi Starts – Friday, October 20, 2023 – 12:31 AM | Shashti Tithi Ends – Friday, October 20, 2023 – 11:24 PM |
SAPTAMI Durga Devi “Nabo Patrika”, bathing of “Kola Bou”, “Saptami Puja” | Saptami Tithi Starts – Friday, October 20, 2023 – 11:24 PM | Saptami Tithi Ends – Saturday, October 21, 2023 – 09:53 PM |
Maha ASHTAMI Ashtami Puja | Ashtami Tithi Starts – Saturday, October 21, 2023 – 09:53 PM | Ashtami Tithi Ends – Sunday, October 22, 2023 – 07:58 PM |
Maha NABAMI Nabami Puja | Navami Tithi Starts – Sunday, October 22, 2023 – 07:58 PM | Navami Tithi Ends – Monday, October 23, 2023 – 05:44 PM |
Vijaya Dashami (Sindur Khela, Visarjan and Bijoya) | Dashami Tithi Starts – Monday, October 23, 2023 – 05:44 PM | Dashami Tithi Ends – Tuesday, October 24, 2023 – 03:14 PM |
Durga Visarjan Shubh Muhurat | Tuesday, October 24, 2023 – 05:44 AM | Tuesday, October 24, 08:03 AM |
दुर्गा पूजा (Durga Puja in Hindi)
दुर्गा पूजा भारत का एक प्रमुख त्योहार है जो हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह देवी दुर्गा की पूजा का उत्सव है, जो शक्ति, दया और करुणा की देवी हैं। दुर्गा पूजा एक नौ दिवसीय त्योहार है जो हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन महीने के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है। दुर्गा पूजा नवरात्रि के नौ दिनों तक मनाई जाती है।
यह आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर के महीने में पड़ता है। दुर्गा पूजा का पहला दिन कलश स्थापना के साथ शुरू होता है, जब एक कलश में पानी, चावल, जौ, फल और फूलों को रखा जाता है। इस कलश को देवी दुर्गा का प्रतीक माना जाता है।
दुर्गा पूजा के दौरान, देवी दुर्गा की मूर्तियों को घरों, मंदिरों और सार्वजनिक स्थानों में स्थापित किया जाता है। इन मूर्तियों की विधिवत पूजा की जाती है और उन्हें भोग लगाया जाता है। दुर्गा पूजा के दौरान, लोग नृत्य, संगीत और नाटक जैसे विभिन्न कार्यक्रमों में भी भाग लेते हैं।
दुर्गा पूजा एक रंगीन और जीवंत त्योहार है जिसमें भव्य मूर्तियों की स्थापना, पूजा, नृत्य, संगीत और जुलूस शामिल होते हैं। यह त्योहार अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है।
दुर्गा पूजा किसका प्रतीक है (What does Durga Puja symbolize)
दुर्गा पूजा, शक्ति की देवी दुर्गा की पूजा का एक हिंदू त्योहार है। दुर्गा पूजा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का एक हिंदू त्योहार है, जो ब्रह्मांड की रक्षक हैं। दुर्गा पूजा को नवरात्रि के रूप में भी जाना जाता है, जो नौ दिनों का त्योहार है। यह देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का भी अवसर है, जो विभिन्न शक्तियों और गुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
दुर्गा पूजा सनातन धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जो शक्ति और अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है। यह देवी दुर्गा की पूजा का उत्सव है, जो शक्ति, दया और करुणा की देवी हैं। दुर्गा पूजा नवरात्रि के नौ दिनों तक मनाई जाती है, जो आश्विन महीने के शुक्ल पक्ष में पड़ती है।
दुर्गा पूजा का प्रतीकवाद निम्नलिखित है:
- देवी दुर्गा: देवी दुर्गा शक्ति, दया और करुणा की देवी हैं। वे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक हैं।
- नौ दिनों की अवधि: नौ दिनों की अवधि नवरात्रि के नौ दिनों का प्रतीक है, जो देवी दुर्गा के नौ रूपों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- कलश स्थापना: कलश स्थापना एक अनुष्ठान है जिसमें देवी दुर्गा के प्रतीक के रूप में एक कलश को स्थापित किया जाता है।
- पूजा: पूजा एक अनुष्ठान है जिसमें देवी दुर्गा की पूजा की जाती है।
- नृत्य और संगीत: दुर्गा पूजा के दौरान नृत्य और संगीत का भी आयोजन किया जाता है।
दुर्गा पूजा कहां मनाई जाती है (Mainly, Where is Durga Puja celebrated?)
दुर्गा पूजा भारत, बांग्लादेश और नेपाल में व्यापक रूप से मनाई जाती है, और सबसे बड़ा त्योहार में से एक है। भारत में, दुर्गा पूजा सबसे अधिक पश्चिम बंगाल, असम, ओडिशा, झारखंड, बिहार और त्रिपुरा में मनाई जाती है। बांग्लादेश में, दुर्गा पूजा सबसे अधिक राजधानी ढाका और अन्य प्रमुख शहरों में मनाई जाती है। नेपाल में, दुर्गा पूजा सबसे अधिक काठमांडू और अन्य प्रमुख शहरों में मनाई जाती है।
Durga Puja 2023: कब और कहाँ मनाया जायेगा? (When and Where is it celebrated?)
यह दस दिवसीय त्योहार है जो राक्षस राजा महिषासुर पर हिंदू देवी दुर्गा की जीत का जश्न मनाता है। यह त्योहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार अश्विन (सितंबर-अक्टूबर) महीने में मनाया जाता है। 2023 में, दुर्गा पूजा 20 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक मनाई जाएगी। त्योहार का मुख्य दिन महासप्तमी है, जो 21 अक्टूबर को है।
दुर्गा पूजा सामग्री सूची (durga puja items list)
दुर्गा पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:
- मूर्ति या तस्वीर: देवी दुर्गा की मूर्ति
- कलश: देवी दुर्गा के प्रतीक के रूप में एक कलश
- पुष्प: फूल
- फल: फल
- अक्षत: चावल के दाने
- दीपक: दीपक
- धूप: धूप
- अगरबत्ती: अगरबत्ती
- पूजा सामग्री: पूजा के लिए आवश्यक सामग्री
- पानी, दूध, शहद और फूलों का मिश्रण
- मिट्टी और चावल
- जौ
- नैवेद्य
- प्रसाद (मिठाई, व्यंजन, इत्यादि)
दुर्गा पूजा के दौरान क्या खाएं? (what to eat during durga puja?)
दुर्गा पूजा के दौरान कई पारंपरिक व्यंजन बनाए जाते हैं। कुछ लोकप्रिय व्यंजनों में शामिल हैं:
- खिचड़ी: चावल और दाल का व्यंजन
- लड्डू: मीठे व्यंजन
- मोदक: मीठे व्यंजन
- गुलाब जामुन: मीठे व्यंजन
- रसगुल्ला: मीठे व्यंजन
- बंगाली बिरयानी – एक प्रकार की चावल पकवान
दुर्गा पूजा के दौरान, लोग विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाते हैं और खाते हैं। इन व्यंजनों में शामिल हैं:
- सब्जियां
- चावल
- रोटी
- मिठाई
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कुछ पारंपरिक दुर्गा पूजा व्यंजन हैं:
- खीर
- लड्डू
- मोदक
- मिठाई
- पूड़ी
- सब्जी
दुर्गा पूजा के लिए फल (fruits for durga puja)
दुर्गा पूजा के दौरान कई प्रकार के फल प्रसाद के रूप में चढ़ाए जाते हैं। लोग विभिन्न प्रकार के फल भी चढ़ाते हैं। कुछ लोकप्रिय फल हैं:
- अनार: समृद्धि का प्रतीक
- संतरा: खुशी का प्रतीक
- केला: समृद्धि का प्रतीक
- नाशपाती: धन का प्रतीक
- आम: समृद्धि का प्रतीक
दुर्गा पूजा के लिए फल अन्य फल, इन फलों में शामिल हैं
- आम
- अंगूर
- सेब
- जामुन
- अमरूद
दुर्गा पूजा कैसे करें (Durga Puja kaise kare in hindi)
दुर्गा पूजा एक सात दिवसीय उत्सव है। उत्सव का पहला दिन कलश स्थापना के साथ शुरू होता है, जिसमें देवी दुर्गा के प्रतीक के रूप में एक कलश को स्थापित किया जाता है। अगले छह दिनों में, देवी दुर्गा की पूजा की जाती है। दसवें दिन, मूर्तियों को नदी या समुद्र में विसर्जित कर दिया जाता है।
दुर्गा पूजा के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
- एक जगह चुनें जहां आप देवी दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करना चाहते हैं। मूर्तियों को आमतौर पर काठ, मिट्टी या धातु
- फिर, एक कलश स्थापित करें। कलश को मिट्टी और चावल से भरा जाता है और उसे पूजा स्थल पर रखा जाता है। कलश में पानी, दूध, शहद और फूलों का मिश्रण डाला जाता है। कलश को देवी दुर्गा का प्रतीक माना जाता है।
- देवी दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर की पूजा करें।
- नैवेद्य अर्पित करें।
- दुर्गा पूजा के दौरान देवी दुर्गा की कथा सुनें या पढ़ें।
- दुर्गा पूजा के दौरान विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लें।
दुर्गा पूजा की शुरुआत नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना से होती है। इस दिन, एक कलश (घड़े) को मिट्टी और चावल से भरा जाता है और उसे पूजा स्थल पर रखा जाता है। कलश में पानी, दूध, शहद और फूलों का मिश्रण डाला जाता है। कलश को देवी दुर्गा का प्रतीक माना जाता है।
दुर्गा पूजा के दौरान, देवी दुर्गा की मूर्तियों की स्थापना की जाती है और उनकी पूजा की जाती है। मूर्तियों को आमतौर पर काठ, मिट्टी या धातु से बनाया जाता है। दुर्गा पूजा के दौरान, भक्त देवी दुर्गा की कथाओं और उनकी शक्तियों की प्रशंसा करते हैं।
दुर्गा पूजा का समापन दशहरा के दिन होता है। इस दिन, देवी दुर्गा के राक्षस महिषासुर का वध किया गया था। दशहरा के दिन, देवी दुर्गा की मूर्तियों को नदी या समुद्र में विसर्जित किया जाता है।
दुर्गा पूजा विधि (Durga Puja Vidhi)
दुर्गा पूजा विधि उन अनुष्ठानों और समारोहों का समूह है जो त्योहार के दौरान किए जाते हैं। यह विधि काफी जटिल है और इसमें कई तरह के चरण शामिल हैं।
यदि आप दुर्गा पूजा विधि के बारे में अधिक जानने में रुचि रखते हैं, तो ऑनलाइन कई संसाधन उपलब्ध हैं। विधि के बारे में अधिक जानने के लिए आप किसी पुजारी या अन्य जानकार व्यक्ति से भी सलाह ले सकते हैं।
बंगाली दुर्गा पूजा विधि
बंगाली दुर्गा पूजा विधि इस प्रकार है:
- कलश स्थापना: दुर्गा पूजा का पहला दिन कलश स्थापना के साथ शुरू होता है। इस दिन, एक कलश में पानी, चावल, जौ, फल और फूलों को रखा जाता है। इस कलश को देवी दुर्गा का प्रतीक माना जाता है।
- गृह प्रवेश: कलश स्थापना के बाद, देवी दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर को घर या मंदिर में स्थापित किया जाता है।
- पूजा: दुर्गा पूजा के दौरान, देवी दुर्गा की विधिवत पूजा की जाती है। इसमें आरती, भजन और मंत्रोच्चार शामिल हैं।
- कथा: दुर्गा पूजा के दौरान, देवी दुर्गा की कथा सुनी या पढ़ी जाती है।
- विसर्जन
पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा (Durga Puja in West Bengal)
पश्चिम बंगाल दुर्गा पूजा समारोहों का गढ़ है। यह त्यौहार राज्य में बहुत धूमधाम और भव्यता के साथ मनाया जाता है। कोलकाता शहर विशेष रूप से अपने दुर्गा पूजा समारोहों के लिए जाना जाता है।
दुर्गा पूजा के दौरान, कोलकाता की सड़कें रंगों और रोशनी के समुद्र में बदल जाती हैं। पूरे शहर में पंडाल बनाए जाते हैं और उत्सव देखने के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं।
त्योहार के आखिरी दिन, विजयदशमी पर, देवी दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन देखने लायक होता है। विसर्जन जुलूस देखने के लिए लाखों लोग कोलकाता की सड़कों पर उमड़ पड़े।
दुर्गा पूजा अनुष्ठान (Durga Puja Rituals)
दुर्गा पूजा उत्सव पूरे शहर में स्थापित पंडालों (अस्थायी मंदिरों) में देवी दुर्गा की मूर्ति की स्थापना के साथ शुरू होता है। मूर्तियों को फूलों और अन्य सजावटों से सजाया जाता है, और पंडाल रंगीन रोशनी से जगमगाते हैं।
त्योहार के पहले दिन, महालया, देवी का आह्वान किया जाता है और पूजा शुरू होती है। पूजा पुजारियों द्वारा की जाती है, और भक्त देवी को प्रार्थना और फूल चढ़ाते हैं।
अगले चार दिनों तक, पूजा विभिन्न अनुष्ठानों और समारोहों के साथ जारी रहती है। त्योहार के आखिरी दिन, विजयदशमी पर, देवी दुर्गा की मूर्ति को नदी या तालाब में विसर्जित किया जाता है। यह त्योहार के अंत और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
दुर्गा पूजा 2023: कब मनायें? (Durga Puja 2023 : When to celebrate?)
5 दिवसीय दुर्गा पूजा उत्सव भारत में, विशेष रूप से पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा और ओडिशा राज्यों में बहुत उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। 2023 में, दुर्गा पूजा सोमवार, 16 अक्टूबर को शुरू होगी और शुक्रवार, 20 अक्टूबर को समाप्त होगी। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाता है और हिंदू देवी दुर्गा को समर्पित है, जिन्हें शक्ति के नाम से भी जाना जाता है।
दुर्गा पूजा लोगों के एक साथ आने और अपनी संस्कृति और विरासत का जश्न मनाने का समय है। यह परिवारों के पुनर्मिलन और एक-दूसरे के साथ समय बिताने का भी समय है। यह त्यौहार विभिन्न प्रकार की गतिविधियों से चिह्नित होता है, जिसमें जुलूस, सांस्कृतिक प्रदर्शन और दावत शामिल हैं।
दुर्गा पूजा की शुभकामनाएं (Durga Puja 2023: Wishes message)
दुर्गा पूजा उत्सव और दावत का समय है। लोग अपने प्रियजनों के साथ उपहारों और शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करते हैं। यहां कुछ दुर्गा पूजा शुभकामनाएं दी गई हैं जिन्हें आप अपने दोस्तों और परिवार के साथ साझा कर सकते हैं:
- जय माँ दुर्गा! | Jai Maa Durga!
- माँ दुर्गा का आशीर्वाद आप और आपके परिवार पर सदैव बना रहे। May the blessings of Goddess Durga be with you and your family always.
- आपको सुखी एवं समृद्ध दुर्गा पूजा की शुभकामनाएं। Wishing you a happy and prosperous Durga Puja.
- दुर्गा पूजा का त्योहार आपके लिए खुशी, शांति और खुशियां लेकर आए। May the festival of Durga Puja bring you joy, peace, and happiness.
- देवी आपको शक्ति, साहस और बुद्धि का आशीर्वाद दें। May the goddess bless you with strength, courage, and wisdom.
- आपको दुर्गा पूजा की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ और शुभकामनाएँ। Wishing you a very happy and blessed Durga Puja.
Durga Puja 2023 Time Table
Date | Event |
---|---|
October 18, 2023 | Mahalaya |
October 19, 2023 | Kalash Sthapan |
October 20, 2023 | Shashti |
October 21, 2023 | Saptami |
October 22, 2023 | Ashtami |
October 23, 2023 | Navami |
October 24, 2023 | Vijayadashami |
दुर्गा पूजा 2023: गंतव्य/छुट्टी (Durga Puja 2023: Vacation)
यदि आप दुर्गा पूजा 2023 के लिए छुट्टियों की योजना बना रहे हैं, तो यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं, सबसे अच्छा स्थान
- कोलकाता, पश्चिम बंगाल | Kolkata, West Bengal
- गुवाहाटी, असम | Guwahati, Assam
- भुवनेश्वर, ओडिशा | Bhubaneswar, Odisha
- नई दिल्ली, दिल्ली | New Delhi, Delhi
- मुंबई, महाराष्ट्र | Mumbai, Maharashtra
दुर्गा पूजा 2023: उत्सव (Durga Puja 2023: Utsav)
उत्सव एक बंगाली शब्द है जिसका अर्थ है उत्सव। पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा सबसे बड़ा उत्सव है। यह त्यौहार बहुत ही उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। लोग देवी दुर्गा और उनके बच्चों लक्ष्मी, सरस्वती, कार्तिक और गणेश की मूर्तियों को देखने के लिए पंडालों में जाते हैं। वे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी भाग लेते हैं और स्वादिष्ट भोजन का आनंद लेते हैं।
Durga puja mantra in hindi | दुर्गा पूजा मंत्र हिंदी में
- जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी, दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते..!!
- सर्व मंगल मांगल्यै शिवे सर्वार्थ साधिके, शरण्यये त्रयबिके गौरी नारायणी नमोस्तुते..!!
How to write Durga Puja in hindi | दुर्गा पूजा हिंदी में कैसे लिखें
- Durga (दुर्गा)
- Puja (पूजा)
दुर्गा पूजा 2023: यूनेस्को विरासत सूची (Durga Puja 2023: UNESCO Heritage List)
दुर्गा पूजा को 2021 में यूनेस्को विरासत सूची में जोड़ा गया था। यह त्योहार और भारत के लोगों के लिए एक बड़ा सम्मान है।