भारत का पहेला रेलवे महिला अध्यक्ष जय वर्मा सिंह: कौन है जय?

भारत का पहेला रेलवे महिला अध्यक्ष जय वर्मा सिंह: कौन है जय?: किया आपके बालेश्वर रेल हादसे याद हे। बालेश्वर में हुए कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे के दौरान एक महिला रेलवे अधिकारी को अपने काम के लिए काफी न्यूज़ में देखा था और उनका काफी शरण मिली थी। जिस तरह से उन्होंने रेल हादसे के बाद राहत बचाव से लेकर जांच की बागडोर को संभले थे वह काबिले तारीफ रही।

उष रेल हास्य के बाद से वह लगातार पीएम से लेकर मीडिया के संपर्क में रहे, अब इसी महिला अधिकारी ने भारतीय रेलवे का 166 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। भारतीय रेलवे बोर्ड के इतिहास में ऐसा पहली बार है, जब किसी महिला के हाथों में रेलवे बोर्ड की कमान आई है। जानते हैं कि कौन है इतिहास रचने वाली महिला जय वर्मा।

Jai Verma

केंद्र सर्कार ने रेलवे बोर्ड में बड़ा बदलाव किया है। शुक्रवार या यानी 1 सितंबर 2023 को जय वर्मा सिंह ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ (CEO) के रूप में कार्यभार संभाला है। वह भारतीय रेलवे के 166 साल के इतिहास के साथ-साथ, रेलवे बोर्ड के 118 साल के इतिहास में यह पद संभाले वाली पहली महिला बन गई है।

जय वर्मा रेलवे बोर्ड में सदस्य ऑपरेशन और बिजनेस डेवलपमेंट के पद पर थी, और अब उन्होंने अनिल कुमार लाहोटी की जगह ली है। अध्यक्ष के रूप में जय का कार्यकाल पूरे 1 साल यानी 1 अगस्त 2024 तक रहेगा। हालांकि जय 1 अक्टूबर को सेवा औयुग खतम होने वाली है। लेकिन कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्हें उसी दिन फिर नियुक्त किया जाएगा। इस से पहेले लक्ष्मी विश्वनाथन रेलवे बोर्ड की पहली महिला सदस्य के रूप में ख्याति प्राप्त कर चुकी है। लेकिन जय वर्मा बोर्ड की पहली महिला अध्यक्ष और सीईओ (CEO) वन जाएगी।

आई आपको बताते हैं कौन है जय वर्मा सिंह | Who is Jai Verma Singh

रेलवे बोर्ड की पहली महिला अध्यक्ष जय वर्मा सिंह ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से शिक्षा प्राप्त की है। वह 1988 बैच के अधिकारी है वह 1988 बैच में इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विस यानी कि आईआरटीएस में शामिल हुई पिछले 35 साल से वह रेलवे में कार्यरत है और दक्षिण पूर्व रेलवे उत्तर रेलवे और पूर्व रेलवे में कई महत्वपूर्ण पदों को संभाल चुकी है।

  • जय वर्मा एक भारतीय मूल के हिंदी लेखक भी हे
  • जय वर्मा शिक्षाविद्, कवि और हिंदी भाषा और संस्कृति के समर्थक हैं।
  • जन्म: मार्च 1950 (आयु 73 वर्ष), मेरठ
  • शिक्षा: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ, नॉटिंघम ट्रेंट विश्वविद्यालय

जय वर्मा सिंह पूर्व रेलवे के सियालदह डिविजन में डीआरएम के पद पर कार्य कर चुकी है। इसके अलावा दक्षिणी पूर्व रेलवे में मुख्य वाणिज्य प्रबंधक भी रही है इसके साथ ही वह चार सालों तक ढाका में भारतीय उच्चायोग में रेलवे सलाहकार भी रही है।

बांग्लादेश में रेलवे की आधुनिकीकरण और विस्तार में भारत का काफी अहम योगदान रहा है। उनके ही कार्यकाल के दौरान कोलकाता से ढाका मैत्री एक्सप्रेस का उद्घाटन हुआ था। हाल ही में बालेश्वर में हुए कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे के समय में जय वर्मा सिंह ने काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उसे समय वह काफी एक्टिव रही थी और पूरे घटनाक्रम पर उन्होंने खास नजर बनाकर रखी थी। उसे समय उनकी काफी तारीफ हुई थी।

भारतीय रेलवे को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अभी तक के रेलवे के बजट का सबसे ज्यादा बजट आवंटित हुआ है। रेलवे को मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 2.4 लाख करोड रुपए का बजट मिला है। ऐसे में जय वर्मा रेलवे बोर्ड का कार्यभार संभालेंगे।

जय वर्मा के गिनती तेज तरार मोहिला ऑफिसर में होती है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर वे रेलवे सेवाओं के निर्देशन विकास और ऑपरेशन संबंधित फैसला लेंगे। अब देखना होगा कि रेलवे के कई महत्वपूर्ण पदों पर योगदान देने वाली जय वर्मा सिंह रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वन्ने के वाद रेलवे को कैसे लाभ मिल्लेंगे।

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