रियल-मनी गेमिंग पर 28% जीएसटी से अधिक विवाद: एआईजीएफ ने स्थगन का आग्रह किया “Controversy Over 28% GST on Real-Money Gaming: AIGF Urges Postponement”
हाल के घटनाक्रम में, देश भर में प्रमुख कौशल गेमिंग फर्मों का प्रतिनिधित्व करने वाले ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (एआईजीएफ) ने वित्त मंत्रालय से एक तत्काल अनुरोध किया है। उनका अनुरोध? 1 अक्टूबर से प्रभावी होने वाले ऑनलाइन मनी गेम्स पर भारी 28 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के कार्यान्वयन को स्थगित करने के लिए। जबकि वित्त मंत्रालय ने मूल रूप से इस नई कर दर को लागू करने की योजना बनाई थी, बड़ी संख्या में राज्य सरकारें इस पर विचार कर रही हैं। अभी भी अपने जीएसटी कानूनों में तदनुसार संशोधन करना बाकी है।
एआईजीएफ का रुख (The AIGF’s Stance)
एआईजीएफ के सीईओ रोलैंड लैंडर्स ने 30 सितंबर को राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा को लिखे पत्र में अधिसूचनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ये ‘एक राष्ट्र, एक कर’ के सिद्धांत के लिए हानिकारक हैं। लैंडर्स का अनुमान है कि यह कदम एक खतरनाक मिसाल कायम कर सकता है, जिससे संभावित रूप से जीएसटी के विभिन्न पहलुओं पर विभिन्न राज्यों द्वारा एकतरफा कार्रवाई हो सकती है।
एआईजीएफ के पास 120 से अधिक संस्थाओं की सदस्यता है, जिसमें विभिन्न प्रारूपों और शैलियों का प्रतिनिधित्व करने वाली कौशल-गेमिंग कंपनियां और गेम डेवलपर्स शामिल हैं। उनमें से उल्लेखनीय सदस्य हैं मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल), गेम्सक्राफ्ट, नाज़ारा टेक्नोलॉजीज, डेल्टाटेक गेमिंग, हेड डिजिटल वर्क्स (ए23), और विनज़ो।
उद्योग मंडल नई कर व्यवस्था के कार्यान्वयन को तब तक स्थगित करने की मांग कर रहा है जब तक कि सभी राज्य अपने संशोधनों को जीएसटी योजना के साथ संरेखित नहीं कर लेते और जब तक सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला नहीं सुना देता। शीर्ष अदालत फिलहाल स्किल गेमिंग फर्म गेम्सक्राफ्ट के खिलाफ कथित 21,000 करोड़ रुपये के जीएसटी चोरी मामले में अंतिम सुनवाई की तैयारी कर रही है। कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले पर अदालत के पहले के रोक के परिणामस्वरूप अन्य कौशल गेमिंग कंपनियों को कई पूर्वव्यापी कर नोटिस भेजे गए हैं।
उद्योग अशांति (Industry Turbulence)
भारत में रियल-मनी गेमिंग सेक्टर मौजूदा जीएसटी ढांचे के तहत कर समस्या का सामना कर रहा है। जिन राज्यों ने अपने जीएसटी कानूनों को नहीं अपनाया है, वहां कंपनियों को केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) चार्ज करना होगा, लेकिन राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) नहीं। जिन राज्यों ने अपने कानूनों में संशोधन किया है, वहां कंपनियों को सीजीएसटी और एसजीएसटी दोनों लगाना होगा। यह द्वंद्व इस क्षेत्र में व्यवसायों के लिए चुनौतियाँ और अनिश्चितता प्रस्तुत करता है क्योंकि वे इन बदलती कर गतिशीलता के अनुपालन के लिए अपने संचालन को अनुकूलित करने का प्रयास करते हैं।
वित्त मंत्रालय को एआईजीएफ के पत्र में संशोधनों के जल्दबाजी में कार्यान्वयन के बारे में भी चिंता व्यक्त की गई, जिससे कई प्रावधान अव्यावहारिक हो गए और संभावित रूप से वास्तविक धन गेमिंग कंपनियों के लिए अतिरिक्त परिचालन और कानूनी चुनौतियां पैदा हो गईं।
आर्थिक प्रभाव (The Economic Impact)
रियल-मनी गेमिंग का भारत के गेमिंग सेक्टर में महत्वपूर्ण योगदान रहा है, जिससे 2022 में सेक्टर का 77 प्रतिशत राजस्व पैदा हुआ, जो कि 13,500 करोड़ रुपये है। हालिया फिक्की-ईवाई रिपोर्ट के अनुसार, अनुमानों से संकेत मिलता है कि यह क्षेत्र 2023 में 16,700 करोड़ रुपये और 2025 में प्रभावशाली 23,100 करोड़ रुपये तक बढ़ने की ओर अग्रसर है।
जीएसटी काउंसिल का फैसला (The GST Council’s Decision)
जुलाई 2023 में, जीएसटी परिषद ने खेलों के पूर्ण अंकित मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का विवादास्पद निर्णय लिया, भले ही उनमें कौशल या मौका शामिल हो। इस कदम को गेमिंग उद्योग की आलोचना का सामना करना पड़ा, जिसने तर्क दिया कि इससे उनके संचालन पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
इसके बाद, 2 अगस्त को, परिषद ने यह सिफारिश करके आंशिक राहत की पेशकश की कि प्रत्येक दांव के बजाय जमा पर जीएसटी लगाया जाए। रियल-मनी गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म वर्तमान में प्लेटफ़ॉर्म शुल्क पर 18 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करते हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में जीएसटी परिषद ने इसके कार्यान्वयन के छह महीने बाद इस निर्णय की समीक्षा करने का वादा किया। 7 अक्टूबर को होने वाली आगामी जीएसटी परिषद की बैठक इस विवादास्पद कर के भाग्य के बारे में और जानकारी प्रदान कर सकती है।
रियल-मनी गेमिंग पर 28 प्रतिशत जीएसटी को लेकर लड़ाई बढ़ती जा रही है, एआईजीएफ ने इसे स्थगित करने का आरोप लगाया है। इस संघर्ष के परिणाम का न केवल गेमिंग उद्योग पर बल्कि भारत में कराधान और विनियमन के व्यापक परिदृश्य पर भी गहरा प्रभाव पड़ेगा।
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पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q. एआईजीएफ रियल-मनी गेमिंग पर 28 प्रतिशत जीएसटी का विरोध क्यों कर रहा है?
A: एआईजीएफ का मानना है कि जीएसटी का गेमिंग उद्योग पर हानिकारक प्रभाव पड़ेगा और यह राज्य-स्तरीय कराधान के लिए एक खतरनाक मिसाल कायम कर सकता है।
Q. रियल-मनी गेमिंग पर जीएसटी की वर्तमान स्थिति क्या है?
A: जीएसटी को 1 अक्टूबर को लागू करने की तैयारी है, लेकिन कई राज्यों ने अभी तक इस बदलाव को समायोजित करने के लिए अपने जीएसटी कानूनों में संशोधन नहीं किया है।
Q. भारत की अर्थव्यवस्था में रियल-मनी गेमिंग सेक्टर कितना महत्वपूर्ण है?
A: इस क्षेत्र ने 2022 में भारत के गेमिंग क्षेत्र के राजस्व में 77 प्रतिशत का योगदान दिया और आने वाले वर्षों में इसमें काफी वृद्धि होने का अनुमान है।
Q. रियल-मनी गेमिंग के संबंध में जीएसटी परिषद का हालिया निर्णय क्या था?
A: जीएसटी परिषद ने खेलों के पूर्ण अंकित मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया, भले ही उनमें कौशल या मौका शामिल हो।
Q. जीएसटी परिषद द्वारा कौन से राहत उपाय प्रस्तावित किए गए हैं?
A: परिषद ने सिफारिश की कि वास्तविक धन गेमिंग प्लेटफार्मों पर कर के बोझ को कम करने के लिए लगाए गए प्रत्येक दांव के बजाय जमा पर जीएसटी लगाया जाना चाहिए।