चीन की चालबाजी फिर दिखाई अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को बताया अपना हिस्सा

चीन की चालबाजी फिर दिखाई अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को बताया अपना हिस्सा (China includes Arunachal Pradesh, Aksai Chin in new ‘standard map’): जी हां, चीन ने अपने नए “मानक मानचित्र” में अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को शामिल किया है। यह मानचित्र चीनी सरकार द्वारा 28 अगस्त, 2023 को जारी किया गया था। यह अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चिन, ताइवान और दक्षिण चीन सागर सहित कई विवादित क्षेत्रों पर चीन के दावों को दर्शाता है।

China includes Arunachal Pradesh, Aksai Chin in new 'standard map'

भारत ने बार-बार कहा है कि अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन उसके क्षेत्र के अभिन्न अंग हैं। इन क्षेत्रों को लेकर दोनों देशों के बीच 1962 में युद्ध भी हो चुका है।

नए मानचित्र के जारी होने की भारत ने आलोचना की है। भारत सरकार ने कहा है कि नक्शा “अस्वीकार्य” है और यह “भारत की संप्रभुता का उल्लंघन करता है”।

मानचित्र का जारी होना चीन और भारत के बीच बढ़ते तनाव का एक और संकेत है। हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच कई विवादों में उलझे रहे हैं, जिनमें हिमालय में सीमा विवाद भी शामिल है।

यह स्पष्ट नहीं है कि नए मानचित्र का चीन और भारत के संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। हालाँकि, यह स्पष्ट है कि मानचित्र ने दोनों देशों के बीच संबंधों को और अधिक तनावपूर्ण बना दिया है।

यहां अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन के बारे में कुछ अतिरिक्त विवरण दिए गए हैं:

  • अरुणाचल प्रदेश: यह भारत के उत्तर पूर्व में स्थित एक राज्य है। चीन अरुणाचल प्रदेश को अपने क्षेत्र के रूप में दावा करता है, लेकिन भारत ने 1947 से इस पर शासन किया है।
  • अक्साई चिन: यह पश्चिमी हिमालय का एक क्षेत्र है। चीन अक्साई चिन को नियंत्रित करता है, लेकिन भारत इस पर अपना दावा करता है।

अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन का विवाद कई वर्षों से चीन और भारत के बीच तनाव का कारण बना हुआ है। नए मानचित्र के जारी होने से दोनों देशों के बीच संबंधों में और तनाव आने की आशंका है।

चीन का आधिकारिक मानचित्र, जिसे 2023 संस्करण कहा जाता है, प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय की मानक मानचित्र सेवा वेबसाइट के माध्यम से पेश किया गया था। मानचित्र में वैश्विक भूगोल पर चीन के परिप्रेक्ष्य को दर्शाने के लिए राष्ट्रीय सीमाओं को शामिल करने वाली एक विधि का उपयोग किया गया है, जिससे संभावित रूप से पड़ोसी देशों के साथ तनाव बढ़ सकता है।

सरकारी ग्लोबल टाइम्स ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, “यह नक्शा चीन और दुनिया के विभिन्न देशों की राष्ट्रीय सीमाओं की ड्राइंग पद्धति के आधार पर संकलित किया गया है।”

इसमें अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को शामिल करना विशेष महत्व रखता है, ये दोनों क्षेत्र लंबे समय से चीन और भारत के बीच परस्पर विरोधी दावों के अधीन रहे हैं। अरुणाचल प्रदेश, चीन के दक्षिण तिब्बत के रूप में दावे के बावजूद, दृढ़ता से भारत का अभिन्न अंग बना हुआ है। भारत ने लगातार इस रुख को दोहराया है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने बार-बार कहा है कि अरुणाचल प्रदेश राज्य “हमेशा” रहा है और “हमेशा” देश का अभिन्न अंग रहेगा।

China includes Arunachal Pradesh, Aksai Chin in new 'standard map'

मानचित्र का दायरा भारत की सीमाओं से परे जाता है। चीन का ताइवान को अपने क्षेत्र का अविभाज्य हिस्सा बताने का दावा और द्वीप को अपने में एकीकृत करने का उसका निरंतर प्रयास राष्ट्रपति शी जिनपिंग के रणनीतिक उद्देश्यों के अनुरूप है। यह चित्रण चीन और ताइवान के बीच तनाव को और बढ़ाता है, जो वैश्विक चिंता का विषय है।

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इसके अतिरिक्त, चीन के चित्रण में विवादास्पद नाइन-डैश लाइन भी शामिल है, जो दक्षिण चीन सागर के एक बड़े हिस्से को चीनी क्षेत्र के रूप में दावा करती है। इस कदम का वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान जैसे देशों ने विरोध किया है, जिनका समान समुद्री क्षेत्रों पर प्रतिस्पर्धी दावा है।

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