CBDT ने घरेलू कंपनियों को फॉर्म 10-IC दाखिल करने में देरी की अनुमति दी (CBDT allows domestic companies to delay filing Form 10-IC)
CBDT ने घरेलू कंपनियों को फॉर्म 10-IC दाखिल करने में देरी की अनुमति दी
आयकर विभाग के केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) CBDT ने घरेलू कंपनियों को फॉर्म 10-IC दाखिल करने में देरी की अनुमति दी है। फॉर्म 10-IC वह फॉर्म है जिसके जरिए घरेलू कंपनियां आयकर अधिनियम की धारा 115BAA के तहत रियायती कर दर का विकल्प चुन सकती हैं।
सीबीडीटी ने एक परिपत्र जारी कर कहा है कि घरेलू कंपनियां 31 मार्च, 2024 तक फॉर्म 10-IC दाखिल कर सकती हैं। पहले, यह फॉर्म 31 अक्टूबर, 2023 तक दाखिल करना था।
धारा 115BAA के तहत, घरेलू कंपनियों के पास 22% की रियायती दर (साथ ही लागू अधिभार और उपकर) पर कर का भुगतान करने का विकल्प है, बशर्ते वे निर्दिष्ट कटौती और प्रोत्साहन का लाभ न उठाऍं। कम्पनियां केवल निर्धारण वर्ष 2020-21 से रियायती दर का विकल्प चुन सकती हैं।
सीबीडीटी ने कहा है कि देरी से फॉर्म 10-IC दाखिल करने पर कंपनियों को जुर्माना देना होगा। जुर्माने की राशि न्यूनतम 100 रुपये और अधिकतम 200 रुपये प्रति दिन होगी। देरी से फॉर्म दाखिल करने पर कंपनियों को आयकर अधिनियम की धारा 234C के तहत जुर्माना देना होगा।
फॉर्म 10-IC दाखिल करने में देरी की अनुमति देने के कारण
सीबीडीटी ने फॉर्म 10-IC दाखिल करने में देरी की अनुमति देने के लिए दो कारण बताए हैं:
- कोविड-19 महामारी: कोविड-19 महामारी के कारण पिछले तीन वर्षों से कारोबारों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। सीबीडीटी ने कहा है कि इस देरी की अनुमति देकर वह कारोबारों को राहत देना चाहता है।
- नई आयकर प्रणाली: भारत सरकार ने नई आयकर प्रणाली की घोषणा की है। यह नई प्रणाली 1 अप्रैल, 2023 से लागू होगी। सीबीडीटी ने कहा है कि वह कंपनियों को यह तय करने के लिए पर्याप्त समय देना चाहता है कि वे किस आयकर प्रणाली का विकल्प चुनना चाहते हैं।
फॉर्म 10-IC कैसे दाखिल करें?
फॉर्म 10-IC आयकर विभाग की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है। इस फॉर्म को ऑनलाइन दाखिल किया जा सकता है। ऑनलाइन फॉर्म दाखिल करने के लिए कंपनियों के पास डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (DSC) होना चाहिए।
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फॉर्म 10-IC दाखिल करने की समय सीमा
सीबीडीटी ने कहा है कि घरेलू कंपनियां 31 मार्च, 2024 तक फॉर्म 10-IC दाखिल कर सकती हैं।
फॉर्म 10-IC दाखिल नहीं करने के परिणाम
यदि कोई घरेलू कंपनी फॉर्म 10-IC दाखिल नहीं करती है, तो उसे रियायती कर दर का लाभ नहीं मिल पाएगा। इसके अलावा, उसे आयकर अधिनियम की धारा 234C के तहत जुर्माना भी देना होगा।
सीबीडीटी ने घरेलू कंपनियों को फॉर्म 10-IC दाखिल करने में देरी की अनुमति दी है। यह देरी की अनुमति कोविड-19 महामारी और नई आयकर प्रणाली के लागू होने के कारण दी गई है। घरेलू कंपनियां 31 मार्च, 2024 तक फॉर्म 10-IC दाखिल कर